Kathua Case: Accused Filed Affidavit In Supreme Court For Cbi Probe - कठुआ मामला: आरोपियों ने Sc में हलफनामा दायर कर कहा- हमें फंसाया गया

[ad_1]


ख़बर सुनें



बहुचर्चित कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले के आरोपियों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि वे बेगुनाह हैं। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने जबरन इस मामले में फंसाया है। 

आरोपी संजी लाल और उनके बेटे विकास ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अपील की है। उनका कहना है कि सच्चाई के सामने आने, असली अपराधियों को पकड़ने और पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है। 

आरोपियों ने मामले को दूसरी जगह ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ आशंका के आधार पर मामले को राज्य से बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। 

निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार आरोपियों को भी है। इस मामले में 221 गवाह हैं। ऐसे में इन सभी के लिए 265 किलोमीटर दूर जाकर गवाही देना संभव नहीं है। 

आरोपियों का यह भी कहना है कि पीड़ित परिवार को कोई धमकी नहीं दी जा रही है। सच्चाई यह है कि हमें ही धमकियां मिल रही है। हलफनामे में आरोपियों ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं कर रही है। जांच भेदभाव से प्रेरित है। 


मामले में बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों (जीआईए) के समूह ने सीबीआई जांच की मांग की है। इस समूह ने मामले की व्यक्तिगत जांच की रिपोर्ट पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को सौंपते हुए बच्ची के साथ गैंगरेप पर शक जाहिर किया। 

रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच की चार्जशीट पर भी सवाल खड़ा किया गया है। मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य इस मामले में शामिल अपराधियों को हर हाल में दंडित कराना है। मगर किसी निर्दोष के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जानी चाहिए।

नागपुर की पूर्व जिला जज मीरा खक्कर, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा, प्रो. सोनाली चितलकर, सामाजिक कार्यकर्ता मोनिका अग्रवाल द्वारा पेश रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस निजी जांच टीम ने 23 से 26 अप्रैल तक मामले से जुड़े 25 लोगों से बातचीत की है। 

रिपोर्ट में गैंगरेप के आरोप पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई। पीड़िता के संवेदनशील अंगों पर ऐसी कोई चोट नहीं है, जिससे गैंगरेप की पुष्टि हो।

जिस जगह गैंगरेप की बात कही गई है उस पर भी सवाल उठाए गए हैं। कहा गया है कि जिस कमरे में घटना का दावा किया गया है, वह बहुत छोटा है। जिस टेबल के नीचे उसे छिपाने की बात की जा रही है, वह महज साढ़े तीन फिट का है। ऐसे में चार फुट की लड़की को वहां लंबे समय तक छुपा कर रखना नामुमकिन है। इसके अलावा बार-बार जांच टीम बदलने, आरोपी के घर से महज 100 मीटर दूर मासूम का शव फेंकने पर भी सवाल उठाए गए हैं।



बहुचर्चित कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले के आरोपियों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि वे बेगुनाह हैं। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने जबरन इस मामले में फंसाया है। 


आरोपी संजी लाल और उनके बेटे विकास ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अपील की है। उनका कहना है कि सच्चाई के सामने आने, असली अपराधियों को पकड़ने और पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है। 

आरोपियों ने मामले को दूसरी जगह ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ आशंका के आधार पर मामले को राज्य से बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। 

निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार आरोपियों को भी है। इस मामले में 221 गवाह हैं। ऐसे में इन सभी के लिए 265 किलोमीटर दूर जाकर गवाही देना संभव नहीं है। 

आरोपियों का यह भी कहना है कि पीड़ित परिवार को कोई धमकी नहीं दी जा रही है। सच्चाई यह है कि हमें ही धमकियां मिल रही है। हलफनामे में आरोपियों ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं कर रही है। जांच भेदभाव से प्रेरित है। 






आगे पढ़ें

क्राइम ब्रांच की चार्जशीट पर उठे सवाल







[ad_2]

Source link

Comments

Popular posts from this blog

Summer Zervos, Trump Accuser, Subpoenas ‘The Apprentice’ Recordings

Giuliani Appears to Veer Off Script. A Furor Follows.

Trump Says Payment to Stormy Daniels Did Not Violate Campaign Laws