Justice R K. Agrawal says, independence of the Judiciary One of the foundations of democracy । न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की बुनियाद में से एक : न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल
[ad_1] नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के निवर्तमान न्यायाधीश आर के अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की बुनियाद में से एक है और बार की स्वतंत्रता न्यायपालिका की स्वतंत्रता की पूर्व शर्त है. न्यायमूर्ति अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट में चार साल के कार्यकाल के बाद शुक्रवार (4 अप्रैल) सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र समाज के लिये बार और बेंच अपरिहार्य हैं. न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा , ‘‘ न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की बुनियाद में से एक है और वकीलों ने लोकतंत्र के स्तंभ को कायम रखने के लिये कठोर प्रयास किया है. बार की स्वतंत्रता न्यायपालिका की स्वतंत्रता की पूर्व शर्त है , जिसके जरिये अगर जरूरत पड़ी तो उनकी स्वतंत्रता का समर्थन किया जा सकता है. ’’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने विदाई भाषण में यह बात कही. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आज कहा कि न्यायाधीशों का यह कर्तव्य है कि वे वकीलों के प्रति सम्मान दिखाएं , भले ही उनकी आयु या दर्जा कुछ भी हो. न्यायमूर्ति मिश्रा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे. उन्होंने कहा , ‘‘ सुप्री...