Posts

Showing posts with the label Freedom

How much freedom in Indian media from different kinds of pressures । ZEE जानकारीः भारत का मीडिया, तरह-तरह के दबावों से कितना आज़ाद है ?

[ad_1] आज World Press Freedom Day है. और हमने इस मौके पर समाज और मीडिया के रिश्तों पर एक छोटा सा विश्लेषण किया है . इससे आपको ये समझने में मदद मिलेगी कि भारत का मीडिया, तरह-तरह के दबावों से कितना आज़ाद है ? और भारत का समाज मीडिया के झूठ से कितना आज़ाद है ? एक अंतरराष्ट्रीय संस्था Reporters Without Borders के मुताबिक प्रेस की आज़ादी  के मामले में दुनिया के 180 देशों में भारत की Rank 138 है. ये रैंक पिछले साल के मुकाबले दो स्थान गिर गई है. 2017 में इसी संस्था ने भारत को 136वें और 2016 में 133वें स्थान पर रखा था. Reporters Without Borders ने भारत को इस Index में उन देशों के साथ रखा है जहां पत्रकारों के लिए स्थितियां बहुत मुश्किल हैं. क्योंकि भारत के ठीक नीचे 139वें नंबर पर पाकिस्तान है . जहां फ़ौज के खिलाफ लिखने पर पत्रकारों को गायब कर दिया जाता है. 2018 के World Press Freedom Index में Norway, Sweden, Netherlands, Finland, और Switzerland, Top 5 देश हैं.  कुल 180 देशों की लिस्ट में नॉर्थ कोरिया सबसे नीचे हैं. जबकि चीन 176 वें नंबर पर है, क्योंकि वहां लोकतंत्र नहीं है और मीडिया पूरी तरह सर...

Know history about World press freedom day

Image
[ad_1] Publish Date:Thu, 03 May 2018 02:47 PM (IST) नई दिल्ली (जेएनएन)। कलम का सिपाही कहे या फिर कलम की धार से सत्ता को हिलाने का दम रखने वाला योद्धा या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का रक्षक...सीधे शब्दों में कहा जाए तो पत्रकार। दुनिया के किसी भी देश के उदय और उसकी प्रगति में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है। भारत की आजादी के वक्त भी पत्रकारों ने महत्वपूर्ण किरदार अदा किया है, जिसे आज भी भुलाया नहीं जा सकता। साथ ही समाज में जाति-धर्म और संप्रदाय की गहरी खाई को भी कई बार पत्रकारों ने भरने का काम किया है। हालांकि समाज में पत्रकारों की स्वतंत्रता को कैद करने वालों की भी कमी नहीं है। जिस कारण प्रेस की स्वतंत्रता की मांग उठी और प्रत्येक वर्ष 3 मई को अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा। इसकी शुरुआत 1993 में हुई थी, जिसका मकसद था दुनियाभर में स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करना और उसकी रक्षा करना। प्रेस किसी भी समाज का आइना होता है। प्रेस की आजादी से यह बात साबित होती है कि उस देश में अभिव्यक्ति की कितनी स्वतंत्रता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक जरूरत ह...

World Press Freedom Day: Know How Many Journalist Lost Their Lives In India - World Press Freedom Day: विश्व रैंकिंग में फिसला भारत, 7 सालों में इतने पत्रकारों ने गंवाई जान

[ad_1] वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पूरी दुनिया में आज मनाया जा रहा है। दुनियाभर की नामचीन हस्तियां इस मौके पर पत्रकारों को बधाई दे रही हैं। वैश्विक संगठन यूनेस्को ने ट्वीट कर लिखा- पत्रकारिता कोई अपराध नहीं है। बिना सुरक्षित पत्रकारिता के सुरक्षित सूचना हो नहीं सकती। बिना सूचना के कोई आजादी नहीं होती। आज और रोजाना प्रेस की आजादी के लिए खड़े हों।  भारत में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। मगर हमारे देश में पत्रकारों की स्थिति पिछले कुछ सालों के दौरान बदतर हुई है। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की 180 मजबूत देशों की सूची में भारत तीन पायदान फिसलकर 136वें नंबर पर आ गया है। इससे पहले भारत 133वें स्थान पर था। इस सूची में पहले नंबर पर जहां नॉर्वे है, वहीं दक्षिण कोरिया सबसे नीचे पायदान पर मौजूद है। पूरी दुनिया में इस समय 193 पत्रकार जेल में हैं।  भारत के पिछले सात सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो परिस्थिति चिंताजनक बनी हुई है। साल 2012 में 74, 2013 में 73, 2014 में 61, 2015 में 73, 2016 में 48, 2017 में 46 और साल 2018 में अब तक 14 पत्रकारों ने काम के दौरान अपनी जान गंवाई है। यानी...