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परमाणु समझौते पर इजरायल ने खोला ईरान के खिलाफ मोर्चा, नेतन्याहू की पीएम मोदी सहित कई नेताओं से वार्ता

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[ad_1] Israel ईरान ने परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर वर्ष 2015 में अमेरिका एवं पांच विश्वशक्तियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बदले में उसे प्रतिबंधों से राहत मिली थी. भारत दौरे पर पहुंचे इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से नई दिल्ली में एक मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो) [ad_2] Source link

बिल गेट्स ने AADHAR की तारीख, बोले-गोपनीयता को लेकर कोई समस्या नहीं

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[ad_1] Bill Gates भारत में एक अरब से अधिक लोगों ने आधार के लिये अपना पंजीकरण कराया है. यह दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली है. 62 साल के अरबपति उद्यमी और परमार्थ कार्य में लगे गेट्स ने कहा कि इन्फोसिस के संस्थापक नंदन निलेकणि इस परियोजना पर विश्वबैंक को परामर्श और मदद कर रहे हैं (फाइल फोटोः रॉयटर्स) [ad_2] Source link

US Secretary of State Mike Pompeo । 'उत्तर कोरिया से खराब समझौते का मतलब नहीं, अमेरिका नहीं दोहराएगा कोई गलती'

[ad_1] वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार (2 मई) को चेताते हुए कहा कि उत्तर कोरिया के साथ खराब समझौता कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने वादा किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पूर्व में की गई गलतियां नहीं दोहराएगा. पोम्पियो ने कहा कि हमने हमारे समक्ष पेश चुनौतियों के बारे में सच बोलकर और उनका सामना कर बेहतरीन काम किया है, लेकिन मजबूत देशों के साथ साझेदारी करना अमेरिका और विश्व को अधिक समृद्ध और सुरक्षित बनाएगा. उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु निरस्त्रीकरण बनाने के लक्ष्यों को हासिल करने के अमेरिकी प्रयास अभी शुरुआती चरण में ही है और अभी यह सप्ष्ट नहीं है कि ये प्रयास फलदायक ही होंगे. उत्तर कोरिया में 3 अमेरिकी हिरासत में लिए गए वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (3 मई) को संकेत दिया कि उत्तर कोरिया में तीन अमेरिकियों के हिरासत में लिये जाने की सूचना मिली है. इससे पहले सूत्रों ने अमेरिकियों को एक स्थान से दूसरी जगह ले जाये जाने की जानकारी दी थी. यह खबर ऐसे समय में आई है जब ट्रंप उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन से मि...

जस्टिस जोसेफ मामले में सरकार की सफाई, नाम वापसी का उत्तराखंड फैसले से कोई संबंध नहीं

[ad_1] नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ की पदोन्नति की सिफारिश थी, लेकिन केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की इस सिफारिश को ठुकरा दिया था. इस पर सरकार ने सफाई दी है कि सिफारिश ठुकराने के पीछे उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का मामला कतई नहीं है. सरकार ने बुधवार को इस बात को खारिज कर दिया कि उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की सुप्रीम में नियुक्ति के प्रस्ताव को उसने इसलिए ठुकरा दिया कि उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को पलट दिया था. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के तीन फैसलों से सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वह न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकती है. प्रसाद ने कहा कि वह पूरे अधिकार के साथ इस बात से इनकार करते हैं कि इसका उससे कोई लेना-देना है. उन्होंने कहा कि अपने रूख का समर्थन करने के लिए उनके पास दो स्पष्ट कारण हैं. यह भी पढ़ें-  जस्टिस जोसेफ की पदोन्नति पर फैसला टला, कॉलेजियम की बैठक रही बेनतीजा कानून मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में तीनचौथाई बहुमत के ...