In Last 50 Years Bank Deposit Account Openings Comes To A New Low - 50 सालों में पहली बार कम हुआ एफडी अकाउंट का खुलना, बैंकों से उठा विश्वास, बढ़ सकती हैं ब्याज दरें

[ad_1]



बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 04 May 2018 12:49 PM IST



ख़बर सुनें



बैंकों में फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) अकाउंट खुलवाने से लोगों का मोहभंग हो गया है। मार्च 2018 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में एफडी खाते खोलने की संख्या पिछले 50 सालों के सबसे निचले स्तर पर चली गई है। आरबीआई द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में इसमें केवल 6.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। 

इस वजह से घटा रूझान
आरबीआई के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंक में एफडी खाता खुलवाने वालों की संख्या में काफी इजाफा देखा गया था। लेकिन पिछले वित्त वर्ष में हुए बैंकिंग घोटालों के बाद से लोगों का बैंकों से विश्वास उठने लगा और उन्होंने एफडी से पैसे को म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश कर दिया। 

एसबीआई के रिटेल व डिजिटल बैंकिंग के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी के बाद लोगों ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट जमा कराने के लिए बैंकों में एफडी खाते खुलवाए थे।

लेकिन इस वित्त वर्ष में अधिकांश पैसा बैंकिंग सिस्टम से बाहर जा चुका है। पीएनबी व अन्य बैंकों में घोटाले खुलने के बाद से लोग काफी डर गए थे। इसके बाद सरकार द्वारा FRDI बिल लाने की खबरों से भी काफी लोगों को लगा कि बैंक में पैसे जमा करना खतरे से खाली नहीं है। 


2017-18 में बैंकों में केवल 114 लाख करोड़ रुपये जमा हुआ। लेकिन इसी दौरान म्यूचुअल फंड में 21.36 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए। इसके अलावा लोगों ने इन्श्योरेंस कंपनियों से भी करीब 193 लाख करोड़ रुपये की पॉलिसी को खरीदा गया। 

बैंक बढ़ा सकते हैं ब्याज दर
एफडी कम होने से बैंक अब अपनी ब्याज दरों में भी इजाफा कर सकते हैं, जिसके बाद बैंकों से लोन लेना और महंगा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक अपने यहां जमा रुपयों के आधार पर ही ब्याज दरों को तय करते हैं। हाल ही में कई प्रमुख बैंकों ने अपनी एफडी और लोन पर लगने वाली ब्याज दर को काफी बढ़ा दिया था। 



बैंकों में फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) अकाउंट खुलवाने से लोगों का मोहभंग हो गया है। मार्च 2018 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में एफडी खाते खोलने की संख्या पिछले 50 सालों के सबसे निचले स्तर पर चली गई है। आरबीआई द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में इसमें केवल 6.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। 


इस वजह से घटा रूझान
आरबीआई के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंक में एफडी खाता खुलवाने वालों की संख्या में काफी इजाफा देखा गया था। लेकिन पिछले वित्त वर्ष में हुए बैंकिंग घोटालों के बाद से लोगों का बैंकों से विश्वास उठने लगा और उन्होंने एफडी से पैसे को म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश कर दिया। 

एसबीआई के रिटेल व डिजिटल बैंकिंग के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी के बाद लोगों ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट जमा कराने के लिए बैंकों में एफडी खाते खुलवाए थे।

लेकिन इस वित्त वर्ष में अधिकांश पैसा बैंकिंग सिस्टम से बाहर जा चुका है। पीएनबी व अन्य बैंकों में घोटाले खुलने के बाद से लोग काफी डर गए थे। इसके बाद सरकार द्वारा FRDI बिल लाने की खबरों से भी काफी लोगों को लगा कि बैंक में पैसे जमा करना खतरे से खाली नहीं है। 






आगे पढ़ें

जमा हुआ केवल 114 लाख करोड़ रुपये







[ad_2]

Source link

Comments

Popular posts from this blog

Summer Zervos, Trump Accuser, Subpoenas ‘The Apprentice’ Recordings

Giuliani Appears to Veer Off Script. A Furor Follows.

Trump Says Payment to Stormy Daniels Did Not Violate Campaign Laws